कस्तूरबा कन्या महाविद्यालय भोपाल
दिनांक 20.11.2024 एवं 21.11.2024 को आयोजित कार्यक्रमों का प्रतिवेदन
प्रकाशनार्थ प्रेषित
कस्तूरबा कन्या महाविद्यालय भोपाल में उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार इस सप्ताह ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ पर आधारित विभिन्न गतिविधियों का द्वि-दिवसीय आयोजन किया गया| भाषण, निबंध, पोस्टर निर्माण प्रतियोगिता तथा सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया| जोहा, जाकिरा, अलीशा, तोसीफ़ और काशिफा के द्वारा बनाए गए चित्रों को सराहा गया| अन्य गतिविधियों में जिकरा, सबाहत, नर्गिस, सुमैया, मुस्कान, सामिया, मुस्कान बानो, वजीना, शिवानी इत्यादि छात्राओं ने अच्छा प्रयास किया| भारतीय संस्कृति और परंपरा, भारतीय ज्ञान प्रणाली और नई शिक्षा नीति, तकनीकी शिक्षा एवं प्राचीन शिक्षा प्रणाली का महत्व इत्यादि विषय, इन गतिविधियों का मुख्य केंद्र बिंदु रहे| सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में भारतीय ज्ञान परंपरा से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्नों के साथ ही समसामयिकी को भी शामिल किया गया| पूरा कार्यक्रम भारतीय ज्ञान परंपरा पर केंद्रित रहा| इससे वैदिक काल से लेकर प्राचीन भारत की एक स्पष्ट छवि परिलक्षित होती हुई दिखी| प्राचीन भारत की विकसित ज्ञान प्रणाली के महत्व की चर्चा और उसके आत्मसातीकरण की आवश्यकता पर बल देते हुए कार्यक्रम की समाप्ति हुई| महाविद्यालय के इस द्वि-दिवसीय आयोजन में सभी सदस्यों का सहयोग रहा|
कहीं-न-कहीं याद आई दिनकर की बाल कविता ‘किसको नमन करूँ’ देखें –
“भारत नहीं
स्थान का वाचक, गुण-विशेष नर का है,
एक देश का
नहीं, शील यह भूमंडल-भर का है|
जहाँ कहीं
एकता अखंडित, जहाँ प्रेम का स्वर है,
देश-देश में
वहाँ खड़ा भारत जीवित भास्वर है!
निखिल विश्व
की जन्मभूमि वंदन को नमन करूँ?
किसको नमन
करूँ मैं भारत! किसको नमन करूँ?
...तुझको या तेरे नदीश, गिरि, वन को नमन करूँ
मैं|”
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